Wednesday 17 April 2013

chhalkte ahsas


  लोगों के बीच में आंखे चुराते हुए
मुझे देखना और जब मैं मुस्कराऊं
तो आंखों की चमक
गालों की लालिमा, कह जाती है 
तुम्हें हमसे प्यार है
तुम्हारी जरूरत है...
मुझे देखते हुए जब लोगों ने शुरू की खिंचाई  ,
तो बड़ी बहादुरी से आपका यह कहना
हां, मैं देख रहा था और फिर सबके बीच
बात करते हुए निहारना और मुस्कराना
 छू लेता है मेरे अंर्तमन को 
और शर्म से कर देता है मेरे चेहरे 
को सुर्ख लाल
फिर दिल यही कहता है
तुम्हें हमसे प्यार है
तुम्हारी जरूरत है...
प्यार का इजहार नहीं करते
लेकिन यह कहना कि जल्दी आना
और जाते हुए मुझे बेसब्री से देखना
यह कहना कि अपना ख्याल रखना
कह जाता है तुम्हें हमसे प्यार है
तुम्हारी जरूरत है......
chhalkte ahsas
प्यार का  सुरुर और देखते हुए खुद के
यूं ही अकेले मुस्कराना
 जज्बतों को छिपा लेना
पूछने पर कुछ नहीं के साथ
फिर मुस्कराना कह जाता है
तुम्हें हमसे प्यार है
तुम्हारी जरूरत है...
उनींदी आंखों के साथ मेरा
हाथ पकड़कर, खुद से कहना
तुम मेरी जरूरत हो
तुम्हारे बिना नहीं रह सकता 
तब दिल कह  जाता है तुम्हें प्यार है
तुम्हारी जरूरत है
तुम हो, तो ये दुनिया और हम हैं
तुम नहीं तो कुछ नहीं 
बेजान सी लगती है दुनियाा
शायद दिल  और सांसों को हो गई है 
तुम्हारी आदत है
लब्जो से न सही, लेकिन
तुम्हारे पास न होने पर
एहसास होता है
हमें तुमसे प्यार है
तुम्हारी जरूरत है...
तुम हो पास, 
तो कांटों में भी फूल नजर
आते हैं, पतझड़ में भी
बहार आ जाती है
बिन मौसम बरसात हो जाती है
दिल झूम-झूम कर कहता है
तुम्हें हमसे प्यार है
तुम्हारी जरूरत है...
हंसी मजाक में ही मरने की बात सुन
लब्ज रूक  जाती है और सांसे थम जाती हैं
फिर थमें हुए लब्त्जों के साथ
यह कहना कि अब यह दुबारा न कहना
कह जाता कि तुम्हें मुझसे प्यार है....

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