सभी ब्लॉगर दोस्तों को मेरा नमस्ते, ब्लाग लेखन की दुनिया में पहला कदम है...
शुरुआत इस कविता के साथ कर रही हूँ...उम्मीद है आप सब को पसंद आएगी..
मेरे दिल में उतर गया सूरज
अंधेरे में निखर गया सूरज.
तालीम दे हमें उजाले की,
ख़ुद अंधेरे के घर गया सूरज
हमसे वादा था इक सबेरे का,
हाय कैसा मुकर गया सूरज.
चाँदनी अक्स चाँद आइना
आइने में संवर गया सूरज.
डूबते वक्त सुर्ख था इतना,
अंधेरे में निखर गया सूरज.
तालीम दे हमें उजाले की,
ख़ुद अंधेरे के घर गया सूरज
हमसे वादा था इक सबेरे का,
हाय कैसा मुकर गया सूरज.
चाँदनी अक्स चाँद आइना
आइने में संवर गया सूरज.
डूबते वक्त सुर्ख था इतना,
लोग समझे कि मर गया सूरज ......